Thursday, August 20, 2020

Mere ghar ayi

मेरे घर आई एक नन्ही परी
चांदनी के हसीन रथपे सवार

उसकी बातों में शहद जैसी मिठास
उसकी साँसों में इत्तर की महकास
होंठ जैसे के भीगे भीगे गुलाब
गाल जैसे के दहके दहके अनार

मेरे घर आई एक नन्ही परी
चांदनी के हसीन रथपे सवार

No comments:

Post a Comment